ओमिक्रॉन के आतंक के बाद सता रहा डेल्टाक्रॉन का डर! जानिये, साइप्रस के इस वैज्ञानिक के दावे की सच्चाई

डॉ कुप्पल्ली के अनुसार, ‘डेल्टाक्रोन वास्तविक नहीं है और शायद डेल्टा वैरियेंट के साथ सीक्वेंसिंग आर्टिफैक्ट का नतीजा है। उन्होंने टिप्पणी करते हुये कहा कि संक्रामक रोगों के नाम सेलिब्रिटी कपल की तरह मर्ज नहीं कीजिये।  

Deltacron

New Variant of Covid “Deltacron” spotted by Researchers in Cyprus II Image Credit: @Youtube MED IT

पिछले दो सालों से दुनिया को अपने आगोश में ले चुकी जानलेवा संक्रामक बीमारी कोरोना वायरस के दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप ओमिक्रॉन का आतंक अपने चरम पर है, इसी बीच साइप्रस के एक वैज्ञानिक के दावे ने सबको चौंका दिया है। जिसने डेल्टाक्रॉन (Deltacron) नामक नये वैरियेंट के बारे में बताया है।

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दरअसल साइप्रस यूनिवर्सिटी में बायोलॉजिक साइंसेस के प्रोफेसर और बायो–टेक्नॉलॉजी के प्रमुख लियोनडिओस को्त्रिरकिस का दावा है कि कोरोना वायरस का नया वैरिएंट डेल्टाक्रॉन (Deltacron) साइप्रस में पाया गया है। उनकी टीम ने 25 संक्रमित लोगों के जीनोम की जांच को आधार बनाया है। जिसमें उनकी टीम को ये नया डेल्टाक्रॉन वैरियेंट के बारे में पता चला है।  

वैज्ञानिक को्त्रिरकिस के मुताबिक, साइप्रस में लिए गए 25 सैंपलों में से 11 को वायरस के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था‚ जबकि 14 सामान्य आबादी से थे। हालांकि‚ साइप्रस के स्वास्थ्य मंत्री मिखलिस हाडजीपांडेलस ने इसे नये वैरियेंट को चिंताजनक नहीं बताया है।

इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन में भारतीय मूल की कोरोना एक्सपर्ट डॉ. कृतिका कुप्पल्ली ने बताया कि साइप्रस में पाया गया कोविड-19 का नया स्वरूप डेल्टाक्रोन वास्तविक नहीं है।

डब्ल्यूएचओ में कोविड एक्सपर्ट कुप्पल्ली के अनुसार, ‘डेल्टाक्रोन वास्तविक नहीं है और शायद डेल्टा वैरियेंट के साथ सीक्वेंसिंग आर्टिफैक्ट का नतीजा है। उन्होंने टिप्पणी करते हुये कहा कि संक्रामक रोगों के नाम सेलिब्रिटी कपल की तरह मर्ज नहीं कीजिये।  

इससे पहले इंपीरियल कॉलेज लंदन के एक वायरोलॉजिस्ट टॉम पीकॉक ने भी बताया था कि कई बड़े मीडिया आउटलेट्स द्वारा रिपोर्ट किया गया साइप्रस डेल्टाक्रोन सीक्वेंस काफी स्पष्ट रूप से दूषित दिखाई देता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि डेल्टाक्रोन वैरिएंट न होकर वास्तविक वैरिएंट का दूषित रूप हो सकता है। जब नए वैरिएंट की जीनोम सीक्वेंसिंग की जाती है तो इस तरह के कंटेनिमेटेड वर्जन पैदा हो सकते हैं। इन्हें आमतौर पर वैरिएंट नहीं माना जाता है। इनकी सॉर्स सीओवी–2 वायरस की तरह आनुवांशिक कड़ी नहीं जुड़ती है।

ऐसे में तमाम विशेषज्ञों के खंडन के बाद साइप्रस मेल ने यह संभावना जताई है कि नया स्ट्रेन कहीं और नहीं पाया गया है और मामलों के सीक्वेंस जीआईएसएआईडी को भेजे गए हैं‚ जो एक ओपन एक्सेस डेटाबेस है। इससे कोरोना वायरस में हो रहे नये बदलाव को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा।

वहीं क्रिरप्स रिसर्च ट्रांसलेशनल इंस्टीट्यूट के मोलेक्यूलर जीवविज्ञानी एरिक टोपोल ने एक ट्वीट में बताया कि साइप्रस में पाया गये डेल्टाक्रॉन (Deltacron) को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।

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